
हिमाचल प्रदेश के सुंदर शहर मनाली में स्थित हिडिम्बा देवी मंदिर (Hidimba Devi Temple) धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है। यह मंदिर मनु मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर, देवदार के घने जंगलों के बीच स्थित है। हिडिम्बा देवी मंदिर को स्थानीय लोग “ढुंगरी मंदिर” के नाम से भी जानते हैं।
🕉️ हिडिम्बा देवी का इतिहास
महाभारत काल में हिडिम्बा एक राक्षसी थी, जिसका भाई हिडिम्ब था। जब पांडव वनवास के दौरान मनाली क्षेत्र में आए, तब भीम ने हिडिम्ब का वध किया और बाद में हिडिम्बा से विवाह किया। इसी कारण हिडिम्बा देवी को आज भी शक्ति स्वरूपा के रूप में पूजा जाता है। उनके पुत्र “घटोत्कच” महाभारत के वीर योद्धाओं में से एक थे।
🏛️ मंदिर की वास्तुकला

हिडिम्बा देवी मंदिर का निर्माण 1553 ईस्वी में राजा बहादुर सिंह ने करवाया था। यह लकड़ी से बना चार मंजिला मंदिर है, जिसकी छतें पगोडा शैली में हैं। मंदिर की दीवारों पर लकड़ी की सुंदर नक्काशी की गई है, जो हिमाचली कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
🌲 प्राकृतिक सौंदर्य और माहौल

मंदिर के चारों ओर ऊँचे-ऊँचे देवदार के पेड़ और बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ इसकी सुंदरता को और भी मनमोहक बना देती हैं। यहाँ की शांति, ठंडी हवा और आध्यात्मिक वातावरण पर्यटकों को दिव्यता का अनुभव कराता है।
🙏 हिडिम्बा देवी मेला
हर वर्ष मई माह में यहाँ हिडिम्बा देवी मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें स्थानीय लोग और पर्यटक बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यह मेला हिमाचली परंपरा और संस्कृति का सुंदर दर्शन कराता है।
🧭 कैसे पहुँचे
हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली बस स्टैंड से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ आप पैदल, टैक्सी या ऑटो से आसानी से पहुँच सकते हैं।
📸 घूमने का सही समय
हिडिम्बा देवी मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और अक्टूबर से जनवरी के बीच है, जब मौसम सुहावना और दृश्य अत्यंत मनमोहक होते हैं।
✨ निष्कर्ष
हिडिम्बा देवी मंदिर न केवल मनाली का धार्मिक स्थल है बल्कि यह हिमाचल की संस्कृति, कला और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है। यदि आप मनाली की यात्रा पर हैं, तो इस मंदिर की दिव्यता और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव अवश्य करें।
