
हिमाचल प्रदेश की सुंदर वादियों में स्थित शिकारदेवी मंदिर श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर मंडी जिले के जनझेली घाटी में लगभग 2850 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। घने जंगलों और प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा यह मंदिर धार्मिक महत्व के साथ-साथ ट्रैकिंग और पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध है।
शिकारदेवी मंदिर का इतिहास

शिकारदेवी मंदिर का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, पांडवों ने अपने अज्ञातवास के समय यहाँ पूजा-अर्चना की थी। इस मंदिर की सबसे विशेष बात यह है कि यह बिना छत का मंदिर है। मान्यता है कि जब भी मंदिर पर छत बनाने का प्रयास किया गया, वह टिक नहीं पाई।
धार्मिक महत्व
माता शिकारदेवी को “शिकार की देवी” कहा जाता है। प्राचीन काल में राजा-महाराजा शिकार पर जाने से पहले यहाँ पूजा करते थे और माता से आशीर्वाद लेते थे। मंदिर में नवरात्रों के समय विशेष भीड़ रहती है और भक्त दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं।
शिकारदेवी मंदिर तक पहुँच

शिकारदेवी मंदिर तक पहुँचने के लिए निकटतम शहर मंडी है, जो यहाँ से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। मंडी से जनझेली तक सड़क मार्ग है और वहाँ से लगभग 5-6 किलोमीटर का ट्रैकिंग मार्ग मंदिर तक जाता है।
पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य

मंदिर के चारों ओर बर्फ से ढकी पर्वत चोटियाँ और हरे-भरे जंगल इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। यहाँ से हिमालय की चोटियों का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है। ट्रैकिंग और एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं।
निष्कर्ष
शिकारदेवी मंदिर हिमाचल प्रदेश का एक अनोखा धार्मिक स्थल है, जहाँ भक्तजन माता का आशीर्वाद लेने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी उठा सकते हैं। यदि आप हिमाचल यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो शिकारदेवी मंदिर को अपनी यात्रा सूची में ज़रूर शामिल करें।
