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पहाड़नो की पोशाक : रेजटा-पहाड़ी संस्कृति और परंपरा की अनमोल धरोहर

हिमाचल प्रदेश अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और पहनावों के लिए जाना जाता है। इन्हीं परंपराओं में से एक है रेजटा (Rejta), जोकि खासतौर पर पहाड़ी महिलाओं का पारंपरिक परिधान है। यह न सिर्फ एक ड्रेस है बल्कि हिमाचली जीवनशैली, रीति-रिवाज़ और पहचान का प्रतीक भी है।

रेजटा (Rejta) क्या है?

रेजटा एक पारंपरिक पहाड़ी परिधान है, जिसे महिलाएं खास मौकों पर पहनती हैं। यह ड्रेस रंग-बिरंगे कपड़ों से बनाई जाती है और उस पर खूबसूरत कढ़ाई, डिजाइन और हाथ से बुने गए पैटर्न देखे जा सकते

रेजटा का इतिहास

कहा जाता है कि रेजटा की परंपरा कई सदियों पुरानी है। इसे गांव की महिलाएं खुद हाथ से बुनती और सिलती थीं। समय के साथ इसमें नए पैटर्न और डिज़ाइन जुड़ते गए, लेकिन इसकी मूल खूबसूरती और सादगी आज भी बरकरार है।

रेजटा की खासियत

यह ऊन या मोटे कपड़े से तैयार किया जाता है, जिससे पहाड़ों की ठंडी जलवायु में शरीर को गर्मी मिलती है।

इसके रंग हमेशा चमकदार और आकर्षक होते हैं, जो प्रकृति की खूबसूरती को दर्शाते हैं।

इसे पहनने से महिलाओं की पारंपरिक और सांस्कृतिक पहचान झलकती है।

कब पहना जाता है रेजटा??

शादियों और त्यौहारों पर

मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में

खास धार्मिक अवसरों पर

आधुनिक समय में रेजटा

आज के दौर में भी रेजटा का आकर्षण कम नहीं हुआ है। हालांकि अब इसे थोड़े मॉडर्न टच के साथ डिज़ाइन किया जाता है, लेकिन इसके मूल रंग और पारंपरिक पैटर्न वही रहते हैं।

निष्कर्ष :

रेजटा केवल एक ड्रेस नहीं बल्कि हिमाचल की संस्कृति और परंपरा का जिंदा उदाहरण है। जब भी आप हिमाचल की यात्रा करें, तो इस पारंपरिक परिधान की खूबसूरती को ज़रूर देखें।

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