
हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में बसा चामुंडा देवी मंदिर भक्तों के लिए आस्था और शक्ति का अद्भुत केंद्र है। यह मंदिर कांगड़ा जिले में बाणगंगा नदी के किनारे स्थित है और मां दुर्गा के शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां मां चामुंडा अपने भक्तों के कष्ट दूर करके उन्हें शक्ति और साहस प्रदान करती हैं।
चामुंडा देवी का इतिहास

पौराणिक मान्यता है कि मां दुर्गा ने चंड और मुण्ड नामक राक्षसों का संहार यहीं पर किया था। तभी से उनका नाम चामुंडा देवी पड़ा। कहा जाता है कि यह स्थान प्राचीन काल से तप और साधना का केंद्र रहा है, जहां ऋषि-मुनि मां के ध्यान में लीन रहते थे।
मंदिर की विशेषताएँ
मंदिर के पास से बहती बाणगंगा नदी इसकी सुंदरता को और बढ़ा देती है।यहां श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।मंदिर परिसर में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा भी स्थापित है।नवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष भव्य मेले का आयोजन होता है।
चामुंडा देवी मंदिर पहुँचने का मार्ग

चामुंडा देवी मंदिर कांगड़ा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट और निकटतम हवाई अड्डा गग्गल (कांगड़ा एयरपोर्ट) है। सड़क मार्ग से भी यहां पहुंचना बेहद आसान है।
धार्मिक महत्व

मां चामुंडा को शक्ति, साहस और संरक्षण की देवी माना जाता है। भक्त विश्वास करते हैं कि जो भी श्रद्धा और भक्ति के साथ यहां दर्शन करता है, उसकी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
निष्कर्ष
चामुंडा देवी मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता का भी अद्भुत उदाहरण है। अगर आप हिमाचल प्रदेश की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो चामुंडा देवी मंदिर दर्शन अवश्य करें और मां की कृपा प्राप्त करें।
